परमवीर चक्र में महर्षि दधीचि का महत्व
वीरता के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च सैनिक सम्मान परमवीर चक्र का प्रारूप एक भारतीय सैन्य अधिकारी से ब्याही गई विदेशी महिला श्रीमती सावित्री खालोनकर पूर्व नाम ईवा मेडे द्वारा बनाया गया है। श्रीमती खालोनकर के पिता हंगरी के तथा माता रूस की थी। इनके भारतीय ज्ञान के गहन अध्ययन के तुरंत बाद मेजर जनरल हीरालाल अटल ने उनसे एक ऐसे मैडल के प्रारूप को तैयार करने को कहा जो वीरता के लिए सर्वोच्च सम्मान हेतु दिया जा सके। इस हेतु महर्षि दधीचि से प्रेरणा ली जिन्होंने देव संस्कृति की रक्षा हेतु अपनी अस्थियाँ देवराज इंद्र को दान कर दी। इंद्र के कहने पर विश्वकर्मा जी द्वारा उन अस्थियों से बनाये वज्र से प्रेरणा लेकर परमवीर चक्र का सृजन किया।
दिलीप कुमार दाधीच
भीलवाड़ा
No comments:
Post a Comment
कृपया दी गई रचनाओं के बारे में अपने सुझाव दे-